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(गीता-27) वो गलती, जो हम करना नहीं चाहते फिर भी हो जाती है || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)

2024-10-05 2 Dailymotion

‍♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?<br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant #gita #krishna <br /><br />वीडियो जानकारी: 30.11.23, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />~ हमसे पाप क्यों हो जाता है ?<br />~ पाप क्या है ? पुण्य क्या है ?<br />~ अहम् का मूल बंधन क्या है ?<br />~ आत्मज्ञान का अर्थ क्या है ?<br />~ पाप - पुण्य का प्रचार क्यों किया गया ?<br />~ अपनी और दूसरे की भलाई किसमें है ?<br />~ जो कुछ हम चाहते है वो पाप कैसे बन जाता है ?<br /><br /><br />~ श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय 3, श्लोक 41<br /><br />तस्मात्त्वमिन्द्रियाण्यादौ नियम्य भरतर्षभ। <br />पाप्मानं प्रजहि ह्येनं ज्ञानविज्ञाननाशनम्।। <br /><br />काव्यात्मक अर्थ :<br />देखते हो काम से <br />ना जान कुछ भी पाओगे <br />ध्यान दो संयम करो <br />तो सत व मुक्ति पाओगे<br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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